मुजफ्फरपुर। देश भर में पहली बार कचरे से जैविक खाद बनाने की मिसाल बनाने वाले मुजफ्फरपुर नगर निगम के सालिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम का केंद्रीय टीम ने जायजा लिया।
मंगलवार को केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम ने नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय एवं नगर प्रबंधक ओम प्रकाश के साथ सबसे पहले नगर भवन स्थित कचरा से खाद तैयार करने को बने प्रोसेसिंग युनिट का निरीक्षण किया।
नगर प्रबंधक ने कचरा से कैसे खाद तैयार किया जाता और तैयार खाद की कैसे बिक्री होती है, इसकी विस्तृत जानकारी टीम के सदस्यों को दी। टीम ने प्रोसेसिंग यूनिट को देखने के बाद इसे सस्ता एवं सुलभ तरीका बताते हुए देश भर में मुजफ्फरपुर माडल को लागू करने की बात कही। केंद्रीय टीम में शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सलाहकार जेवी रवींद्र, सहायक संयुक्त सलाहकार श्रवंती जीवन एवं काउंसलर अर्चिता जैन शामिल थीं।
उसके बाद केंद्रीय टीम रौतनिया स्थित डंङ्क्षपग फील्ड का निरीक्षण किया। वहां उन्होंने कचरे से प्लास्टिक को अलग करने के तरीके को देखा। नगर प्रबंधक ने बताया कि इससे निगम को लाभ हो रहा है। टीम ने निगम की इस व्यवस्था की सराहना की। नगर आयुक्त ने कहा कि कचरा से खाद बनाने का मुजफ्फरपुर माडल देश के लिए मिसाल है। इससे कम खर्च पर बिना किसी परेशानी एवं संसाधनों के कचरे से खाद तैयार किया जाता है।
केबाला के मूल दस्तावेज लेने का 22 मार्च तक आखिरी मौका
मुजफ्फरपुर: वर्षों से निबंधन दफ्तर में पड़े जमीन रजिस्ट्री के मूल दस्तावेज मुहैया कराने के लिए एक महीने की समय अवधि बढ़ा दी गई है। इसको लेकर प्रशासन की ओर से पत्र जारी किया गया है। इसमेंं कहा गया है कि 22 मार्च तक सभी मूल दस्तावेज निबंधन दफ्तर से ले लें। अन्यथा उसे नष्ट कर दिया जाएगा। बताया गया कि 2012 से लेकर 2019 तक जिला अवर निबंधन दफ्तर में वर्षवार डेढ़ सौ दस्तावेज पड़े हुए हैं। इसके अलावा अवर निबंधक कार्यालय में भी काफी दस्तावेज पड़े हैं। जिला अवर निबंधक राकेश कुमार ने कहा कि पुराने सभी मूल दस्तावेज को नष्ट कर दिया गया है।
INPUT: JNN