मुजफ्फरपुर। शहर में संभावित पेयजल संकट को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही है। नल जल योजना के तहत काम करने वाली एजेंसी ने अपने काम की पूरी मापी पुस्त ही जमा नहीं की है।
इसके कारण बड़ी राशि निगम के खाते में ही जमा है और पाइपलाइन का हिसाब नहीं मिल रहा है।
नगर निगम के सभी 49 वार्डों में नल का जल पहुंचाने के लिए करीब 65 किमी लम्बी पाइपलाइन बिछानी है। सिर पर गर्मी के बावजूद एजेंसी अपने काम का हिसाब नहीं दे रही है। शहर के पूर्वी हिस्से कालीबाड़ी, चूना गली, अघोरिया बाजार के कुछ भागों के अलावा बीएमपी 6 से पहले तक पाइपलाइन अभी बिछनी बाकी है।
कार्य एजेंसी का दावा है कि मार्च तक वह पाइपलाइन का काम पूरा कर लेगी, लेकिन अभी तक हुए काम का हिसाब उसने नगर निगम को दिया ही नहीं है। निगम के अधिकारियों के अनुसार कार्य एजेंसी जब मापी पुस्त जमा करेगी, तब पता चल पायेगा कि अंतिम रूप से कितनी पाइपलाइन बिछ सकी है। सिटी मैनेजर ओम प्रकाश ने बताया कि कार्य एजेंसी को मापी पुस्त जमा करने के लिए कहा गया है। इसी के आधार पर मार्च तक पाइपलाइन बिछाने की कार्य योजना तैयार की जाएगी।
करीब 20 हजार घरों में कनेक्शन बाकी :
शहर में पाइपलाइन और वाटर टावर के अभाव में करीब 20 हजार घरों को नल का कनेक्शन मिलना बाकी है। वाटर टावर के लिए शहर की कीमती जमीन देने को कोई तैयार नहीं हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि वाटर टावर के लिए वैक्ल्पिक जगह देखी जा रही है और जल्द से जल्द इसका निर्माण पूरा कर नल का जल हर घर तक पहुंचाया जाएगा।
INPUT:Hindustan