यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का रविवार को 11वां दिन है. रूसी सैनिक यूक्रेन के हर शहर पर कहर बनकर टूट रहे हैं. जगह-जगह ब्लास्ट हो रहे हैं, धमाकों की आवाज से कीव, खारकीव जैसे बड़े शहर गूंज रहे हैं. युद्ध की तनावपूर्ण स्थिति के बीच डरे-सहमे लोग यूक्रेन को छोड़कर जा रहे हैं. कई भारतीय अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए केंद्र सरकार ने ऑपरेशन गंगा चलाया है.
इसी कड़ी में एक भारतीय युवक भी यूक्रेन के सुमी शहर में फंसा है. इस युवक के साथ एक अजीब इत्तेफाक जुड़ा है. साल 2020 में जब लॉकडाउन लागू हुआ था जब निजामुद्दीन अमन नाम का ये युवक आंध्र-प्रदेश तमिलनाडु के बॉर्डर पर फंस गया था. तब अपने बेटे को लाने के लिए निजामुद्दीन की मां रजिया 1400 किलोमीटर स्कूटी चलाकर वहां तक पहुंची थी और वहां से अपने बेटे को लेकर आई थी.
तेलंगाना के निजामाबाद में रहने वाली रजिया अपने बेटे को लाने आंध्र प्रदेश के नेल्लोर तक स्कूटी चला कर गई थीं. करीब 1400 किलोमीटर तक स्कूटर चलाकर रजिया अपने बेटे निजामुद्दीन को लेकर आईं थी. अब रजिया का बेटा यूक्रेन में फंसा हुआ है.
यूक्रेन में MBBS की पढ़ाई कर रहा है निजामुद्दीन
निजामुद्दीन यूक्रेन के सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में एबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. सुमी, रूसी सीमा के पास स्थित है. यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद रजिया दिन-रात बेटे की सलामती की दुआ कर रही है. रजिया ने कहा कि निजामुद्दीन बंकर में बंद है और फोन पर उससे बात हो पा रही है. जानकारी के मुताबिक, रजिया बेगम का बेटा जिस जगह पर है, वहां इस वक्त ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी नहीं है. रजिया ने अपने बेटे को सुरक्षित निकालने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री केसीआर से मदद की गुहार लगाई है.
लॉकडाउन में बेटे के साथ 1400 KM का सफर
दो साल पहले, रजिया बेगम ने कोरोना लॉकडाउन लागू होने के बाद पड़ोसी आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में फंसे अपने बेटे को वापस लाने के लिए एक लंबी और कठिन यात्रा की थी. स्थानीय पुलिस की अनुमति के साथ वह अकेले ही नेल्लोर गई और अपने छोटे बेटे के साथ लौटी थी.
INPUT: Aajtak