CM नीतीश कुमार के शराबबंदी को सफल बनाने के मंसूबो पर जनप्रीतिनिधि ही पानी फेरने पर तुले हुए हैं। जिन्हें सबसे अधिक जिम्मेवारी दी गई थी। वे खुद शराब पीकर हंगामा कर रहे हैं। मामला मुजफ्फरपुर जिले मोतीपुर थाना के बरियार पूर्वी पंचायत का है। पुलिस ने वर्तमान मुखिया कृष्ण कुमार निषाद को शराब पीकर सार्वजनिक स्थल पर हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ब्रेथ एनालाइजर जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई है। मुखिया को जेल भेजने की कवायद की जा रही है।
मोतीपुर थाना के ASI मनोज कुमार सिंह ने बताया कि- ‘सूचना मिली थी कि मुखिया शराब के नशे में हल्ला हंगामा कर रहा है। थानेदार को सूचना देने के साथ वे बरियार पूर्वी में पहुंचे। वहां मुखिया को नशे की हालत में धुत पाया। जब उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की तो उसने विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद जबरन पुलिस जीप में उसे बिठकर थाना ले जाया गया। फिर मशीन से जांच की गई। जिसमें शराब पीने की पुष्टि हुई, इसके बाद उसे जेल भेजा जा रहा है।’
शराबबंदी सफल बनाने की ली थी शपथ
जेल भेजने से पहले कोर्ट में पुलिस के साथ पहुंचे मुखिया ने बताया कि- ‘उसे इसका पता नहीं है। रात को गांव में एक भोज में शामिल होने गए थे। भोज में कोल्डड्रिंक पिलाई जा रही थी। पता नहीं उसमें क्या मिलाकर पिला दिया था। चक्कर आने लगा तो घर पर जाकर सो गए। कहा कि शराबबंदी को सफल बनाने की शपथ भी ले चुके हैं। कभी शराब को हाथ नहीं लगाया। जबकि पुलिस का कहना है कि घर से नहीं गांव से गिरफ्तार किया गया था।’
सदस्यता हो सकती रद्द
शराब के नशे में पकड़े गए मुखिया की सदस्यता रद्द हो सकती है। पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन उस रिपोर्ट को पंचायती राज विभाग को भेजेगी। इसके आधार पर मुखिया की सदस्यता को रद्द किया जा सकता है। उसके खिलाफ चार्जशीट भी दायर किया जाएगा। चार्जशीटेड होने के बाद विभाग द्वारा उक्त कार्रवाई की जा सकती है।
INPUT: Bhaskar