पटना। बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित बलथर थाने पर आक्रोशित भीड़ के हमले व इस पूरे घटनाक्रम में एक पुलिसकर्मी सहित दो लोगों की मौत हो गई है। जबकि, नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
होली के दिन डीजे बजाने को लेकर की गई पुलिस कार्रवाई के बाद आरोपित युवक की गिरफ्तारी व उसकी पुलिस हिरासत में ‘मधुमक्खियों के काटने से मौत’ से लेकर भीड़ के उबाल व बवाल तक कई सवाल खड़े हो गए हैं। घटना को लेकर पुलिस व स्थानीय लोगों के अपने-अपने बयान हैं। की भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया। घटना दुखद है, इसे लेकर कोई सवाल नहीं है, लेकिन यह घटना क्यों हुई, इसे लेकर कई सवाल खड़े हैं।
थाने में मधुमक्खियां क्यों, युवक पर क्यों किया हमला?
पश्चिम चंपारण जिले के बलथर थाना क्षेत्र में आर्यानगर गांव में शनिवार की दोपहर में होली के दौरान डीजे बजाने के आरोप में पुलिस ने स्थानीय युवक अनिरूद्ध कुमार को हिरासत में लिया। पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा का कहना है कि थाना परिसर में अपने छत्तों से निकलीं मघुमक्खियों के काटने से युवक की मौत हो गई। इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन सवाल यह है कि थाना परिसर, जहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है, इतनी मधुमक्खियां क्यों? एक सवाल यह भी कि क्या इन मधुमक्खियों ने पहले भी ऐसा हमला किया था? अगर हां तो उन्हें पहले हीं क्यों नहीं हटा दिया गया? अगर नहीं, तो युवक पर उनके हमला करने का कारण क्या था? इन सवालों के जवाब फिलहाल नहीं मिले हैं।
घायल को कितनी देर बाद ले जाया गया अस्पताल?
यह सवाल भी उठता है कि बलथर थाने की मधुमक्खियों ने वहां केवल गिरफ्तार युवक पर हमला किया या पुलिसकर्मियों पर भी? गिरफ्तार युवक के अलावा और कौन-कौन मधुमक्खियों के हमले के शिकार हुए? मिली जानकारी के अनुसार युवक को अस्पताल ले जाने पर डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। ऐसे में सवाल यह भी है कि उसे घटना के कितनी देर बाद करीब आधा किमी दूर स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया?
क्या मृतक के परिवार व चौकीदार के बीच है विवाद?
होली के दिन डीजे बजाने के आरोप में युवक को पकड़ा गया। कानून के उल्लंघन पर पुलिस कार्रवाई पर कोई सवाल नहीं। पर उन स्थानीय चर्चाओं का क्या, जिनके अनुसार मृतक अनिरूद्ध के परिवार एवं थाने के एक चौकीदार के बीच पहले से विवाद चल रहा है। मृतक के स्वजनों का आरोप है कि बलथर थाना क्षेत्र में अन्य जगह डीजे बजाने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन चौकीदार के इशारे पर पुलिस ने अनिरुद्ध को हिरासत में लेकर बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। नरकटियागंज के अनुमंडल पदाधिकारी धनंजय कुमार पिटाई से मौत के आरोप को अफवाह बताते हैं।
हिरासत में इस तरह मौत के लिए किसकी जिम्मेदारी?
जो भी हो, घटना के पीछे पुलिस की लापरवाही भी बड़ा कारण रही। उसकी किसी प्राकृतिक कारण से मौत होती तो और बात थी, लेकिन यहां तो पुलिस ही बता रही है कि थाने को घर बनाकर रहने वाली मधुमक्खियों ने उसपर हमला कर दिया। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या युवक की गिरफ्तारी के बाद उसकी हिरासत में सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी नहीं थी? अगर हां, तो इसमें किसने लापरवाही की?
INPUT: JNN