हैदराबाद में दर्दनाक हादसा, जिंदा ज’ले बिहार के 11 मजदूर, दुधमुंहे बच्चे का चेहरा भी नहीं देख पाया पिता

हैदराबाद के भोईगुड़ा में कबाड़ की दुकान में आग लगने से 11 लोगों की मौत हो गई। यह सभी बिहार के रहने वाले थे। इनमें से 8 लोग छपरा के हैं। मृतकों में से एक की पहचान मढ़ौरा प्रखंड के बहुआरा पट्टी गांव निवासी सत्येंद्र राम (35) पिता सुकई राम के रूप में हुई है।

 

मौत की खबर मिलते ही परिवार में चीख-पुकार मच गई। उनकी अंतिम बार बात अपनी पत्नी से बीती रात 9 बजे के आसपास में हुई थी। पत्नी मीरा ने बताया, ‘सत्येंद्र अपने 3 महीने के बच्चे को देखने के लिए 8 अप्रैल को घर आने वाला था। बेटा पैदा होने की खुशी में अपने गांव में भोज का आयोजन करने की बात कर रहा था, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।’

दुधमुंहे बच्चे का मुंह तक नहीं देख पाया मृतक सत्येंद्र

सत्येंद्र की शादी चार साल पहले मढ़ौरा बाजार के ब्लॉक कॉलोनी में झारिमान राम की बेटी मीरा देवी से 28 अप्रैल 2018 को हुई थी। मृतक सत्येंद्र के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा 2 साल का, जबकि छोटा बेटा तीन महीने का है। छोटे बेटे के जन्म के बाद सत्येंद्र बहुत खुश था। बेटे की छठी को लकर बड़ा भोज करने की तैयारी में था, लेकिन छुट्टी नहीं मिलने से कार्यक्रम नहीं हो पाया। मृतक छोटे बेटे का मुंह देखने को लेकर बड़ा उत्साहित था। पत्नी ने बताया कि बेटे को देखने के लिए अगले महीने आने वाला था। साथ ही पार्टी का आयोजन करने वाले थे।

नीतीश सरकार देगी 2 लाख मुआवजा

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। नीतीश ने कहा कि तेलंगाना सरकार मदद कर रही है और मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपए दे रही है। बिहार सरकार भी मृतकों के शवों को राज्य में लाने के खर्च के भुगतान के साथ 2 लाख रुपए मुआवजा देगी।

 

कमरे में एक ही सीढ़ी थी, एक ने कूदकर बचाई जान

 

फायर ब्रिग्रेड के पास सुबह 3.55 बजे फोन आया। दमकल की आठ गाड़ियां मौके पर भेजी गईं, लेकिन आग पर काबू पाने में 3 घंटे लग गए। फायर ब्रिगेड कर्मियों के मुताबिक मजदूर खुद को इसलिए नहीं बचा सके क्योंकि गोदाम में सिर्फ एक घुमावदार सीढ़ी थी, उसमें से केवल एक ही व्यक्ति कमरे से बाहर कूदकर भागने में कामयाब रहा।

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