बिहार में होली के दौरान रिलीज शराब से लगातार हुई मौतों के मामले में आज विपक्ष में कड़े तेवर अख्तियार कर रखे हैं एक तरफ जहां विधानसभा की कार्यवाही लगातार इस मसले को लेकर बाधित हो रही है तो वहीं बिहार सरकार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने भी सफाई दी है. तथा विपक्ष के द्वारा मुआवजे की मांग को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है.
बिहार विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए सुनील कुमार ने कहा कि इस सन्दर्भ में विभागीय सचिव के द्वारा पहले ही सारी स्थिति स्पष्ट कर दी गई थी. विपक्ष अपने तरीके से काम करता है. सरकार पर आरोप लगते हैं. लेकिन जहां तक जहरीली शराब से तथाकथित मौत का सवाल है यह तीन जिलों मधेपुरा, भागलपुर और बांका से जो रिपोर्ट आई उसके संदर्भ में अभी तक जहरीली शराब से मौत का मामला सामने नहीं आया है.
मंत्री ने बताया कि जो रिपोर्ट आई है उसमें भागलपुर जिले में दो व्यक्तियों का पोस्टमार्टम हो रहा है. जब FSL और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाएगी तभी हम स्पष्ट रूप से कह पाएंगे कि मौत का कारण क्या है. अन्य दो जिलों में डीएम और एसपी का कहना है कि इस तरह की घटना नहीं हुई है, लेकिन फिर भी हम लोगों ने कहा है कि और गहराई से अनुसंधान करें. जो भी सच्चाई है उस पर न्याय संगत कार्रवाई करने के लिए हमने कहा है.
सुनील कुमार ने कहा कि हमारा प्रयास है कि किसी भी सच्चाई को दबाया नहीं जाये. अगर कोई भी ऐसी बात सामने आती है तो दोषियों पर उचित कर्रावाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि गोपालगंज में या और जहां भी जहरीली शराब से मौत का मामला स्पष्ट हुआ वहां जांच कर कार्रवाई की गई.
विभाग की तरह से अभी सिर्फ दो मामला सामने आया है उसकी भी जांच रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई है. मंत्री ने कहा कि हम लोग कुछ भी छुपाते नहीं हैं. विपक्ष पोस्टमार्टम न करने का आरोप लगा रहा है. इस पर मेरा यही कहना है कि जहां पहले ही डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कर दिया गया वहां पोस्टमार्टम नहीं हो पाया. जहां बॉडी मिली वहां जांच की जा रही है.
वहीं मंत्री सुनील सिंह ने यह भी कहा कि जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा. ऐसे मामले में सरकार की तरफ से कोई मुवाज़ा का प्रवधान नहीं है. शराब बंदी कानून में यह है कि आप शराब का सेवन नहीं कर सकते हैं, अगर करते हैं तो गैर कानूनी है फिर उससे होने वाली मौत का मुआवजा कैसे दिया जा सकता है.
INPUT: Firstbihar