बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार तरह-तरह के तरीके अपना रही है. ड्रोन-हेलिकॉप्टर के बाद पुलिस अब कुत्तों की मदद लेगी. दरअसल, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग भी अब स्निफर डॉग की मदद से शराब की खोजबीन करेगा. इनकी मदद से ट्रेन व बस सहित भीड़-भाड़ वाले इलाकों में शराब लेकर चलने वाले लोग पकड़े जा सकेंगे. बेल्जियम मेलिनोइस ब्रीड की खासियत यह है कि यह स्निफर डॉग सीलबंद बोतल के अंदर रखी शराब को भी आसानी से ढूंढ़ कर उसे पकड़ सकते हैं.
सोमवार को मद्य निषेध विभाग की साप्ताहिक ब्रीफिंग में विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महीने भर के ट्रायल के तौर पर कोलकाता की एक कंपनी से इसकी सेवा ली गयी है. बड़ी संख्या में किराये पर इनकी सेवा प्राप्त करने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी की जा रही है.
आयुक्त ने बताया कि मद्य निषेध विभाग से जुड़े केसों के ट्रायल में लगातार तेजी आ रही है. 26 मार्च तक 1.15 लाख 533 केसों का ट्रायल शुरू हो चुका है, जिनमें 1915 ट्रायल पूरे हो चुके हैं. अभी तक 734 व्यक्ति को दोषमुक्त करार देते हुए 1181 व्यक्तियों को सजा दी गयी है. उन्होंने बताया कि सिर्फ मार्च महीने में 26 तारीख तक 80 ट्रायल पूरे किये गये, जिनमें 65 व्यक्तियों को सजा मिली एवं 20 दोषमुक्त हुए.
आयुक्त ने बताया कि निबंधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के अपने वार्षिक लक्ष्य 5060 करोड़ के विरुद्ध 5042.13 करोड़ माह समाप्त होने से पहले ही हासिल कर लिया है. उम्मीद है कि माह समाप्त होने तक लक्ष्य का सरप्लस राजस्व हासिल होगा. उन्होंने कहा कि एमवीआर में बदलाव को लेकर जिलों से मिले प्रस्ताव पर विचार ही चल रहा है. फिलहाल इस पर अब तक कोई निर्णय लिया गया है.
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