बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) की ओर से जारी मैट्रिक के रिजल्ट में इस साल टॉपर्स की संख्या पिछले साल से आधी हो गई है। पिछले साल जहां टॉप-10 की सूची में 101 स्टूडेंट्स ने जगह बनाई थी, तो इस साल घटकर मात्र 47 रह गई है। पिछले साल इस सूची में 36 छात्राएं थी, जो इस साल घटकर मात्र 15 रह गई हैं। 2020 में कुल 41 छात्र-छात्राओं ने टॉपर्स की सूची में जगह बनाई थी। तब 41 में सिर्फ 10 यानी 25 फीसदी ही छात्राएं शामिल थीं।
टॉप-10 में सिमुलतला का जलवा थोड़ा कम
टॉप-10 में शामिल 47 स्टूडेंट्स में 6 बच्चे अकेले जमुई के हैं, जिनमें 5 छात्र सिमुलतला आवासीय विद्यालय के हैं। नेतरहाट की तर्ज पर स्थापित सिमुलतला आवासीय विद्यालय जमुई 2015 से लगातार मैट्रिक रिजल्ट में टॉपर देता रहा है। इसके अलावा औरंगाबाद और समस्तीपुर जिले के 4 स्टूडेंट्स, भागलपुर, शिवहर भोजपुर, मुंगेर और गया के 3-3 स्टूडेंट्स शामिल हैं।
7 साल बाद टॉपर को 97% से ज्यादा अंक
7 साल बाद मैट्रिक टॉपर का अंक 97% से ज्यादा आया है। टॉपर रामायणी रॉय को 487 अंक मिले हैं। इससे पहले 2015 में मैट्रिक में टॉपर रहे कटिहार के कुणाल और नालंदा के नीरज को 487 अंक यानी 97.4 प्रतिशत अंक मिले थे। पिछले साल से इस बार टॉपर के मार्क्स 3 अंक अधिक रहे। पिछले साल के तीनों संयुक्त टॉपर पूजा कुमारी, शुभदर्शिनी और संदीप कुमार को 484 अंक मिले थे। 2020 के टॉपर हिमांशु राज को 481 अंक मिले थे। बिहार बोर्ड में अब तक सबसे अधिक अंक का रिकॉर्ड 97.4 है।
फर्स्ट डिवीजन से पास करने वाले बच्चों की संख्या
इस बार मैट्रिक की परीक्षा में 16,11,099 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। इनमें 12,86 971 स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इस बार फर्स्ट डिवीजन से पास करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या मात्र 26.35% है, जो पिछले साल से 5.5% कम है। वहीं इस बार सबसे ज्यादा 31.6% स्टूडेंट्स सेकेंड डिवीजन और 21.57% स्टूडेंट्स थर्ड डिवीजन से पास हुए हैं।
INPUT: Bhaskar