मुजफ्फरपुर जिले के कम्पनीबाग स्थित हेड पोस्ट ऑफिस के तत्कालीन भंडारपाल उपेंद्र ठाकुर की हत्या के केस में 11 साल बाद सहायक डाक अधीक्षक मुख्यालय लाल बहादुर सिंह को गिरफ्तार किया गया है। टाउन थाने की पुलिस ने पीएंडटी चौक के समीप छापेमारी करके आरोपी को दबोचा है। लालबहादुर सिंह इस केस में अप्राथमिक अभियुक्त है। टाउन थाने में केस के IO दारोगा सुनील कुमार पंडित पूछताछ कर रहे हैं। मंगलवार को उसे जेल भेजा जाएगा। इस केस में फरार चल रहे कुढ़नी क्षेत्र के रामानंद साह, खरौनाडीह के राजेंद्र झा, साहेबगंज के दियरा इलाके भीम मंडल, सरैया रेवा रोड के दिनेश प्रसाद, भभुआ के कुदरा थाना के सलथुआ के संजीत कुमार, पुर्णिया के टीकापट्टी थाने के कौशकीपुर के छोटेलाल महलदार और पूर्वी चंपारण के मझौलयिा के जगदीश राम की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमरी कर रही है।सड़क किनारे मिला था शव
कंपनीबाग स्थित HPO के कार्यालय के बाहर 12 जून 2011 की सुबह सड़क किनारे पर एक व्यक्ति का शव मिला था। मृतक की पहचान करजा थाना क्षेत्र के रसूलपुर निवासी उपेंद्र ठाकुर के रूप में हुई थी। वह HPO में भंडारपाल के पोस्ट पर कार्यरत थे। शव मिलने के बाद तत्कालीन टाउन थाने के दारोगा सुरेश सिंह के बयान पर तीन से चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का FIR दर्ज हुआ था। जांच के क्रम में राजेंद्र झा, दिनेश प्रसाद सिंह, रामानंद कुमार, जगदीश राम, लालबहादुर सिंह , भीम मंडल, संजीत कुमार ,छोटेलाल महलदार के खिलाफ केस ट्रू हुआ तो उनके गिरफ्तारी का आदेश जारी हुआ। पिछले दिनों ATS के ADG ने भी इस केस की समीक्षा की थी। गिरफ्तारी के कारण मामला पेंडिंग देखकर नाराजगी जताई थी। शीघ्र गिरफ्तारी का आदेश दिया था। इस दौरान फरार आरोपितों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया था।
बेसरा रिपोर्ट से हत्या का हुआ था खुलासा
उपेंद्र ठाकुर का शव मिलने के बाद पुलिस इसको संदिग्ध मौत मानकर चार अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की थी। मृतक की बेसरा की जांच रिपोर्ट जब FSL से आयी तो शराब के साथ जहरीली शराब के सेवन से उसकी मौत होने का पता चला। इसके बाद सहायक डाक अधीक्षक लाल बहादुर सिंह समेत आठों अप्राथमिक अभियुक्त के गिरफ्तारी का निर्देश जारी हुआ था।