मुजफ्फरपुर में एक बार फिर प्रशासन की सतर्कता से बाल विवाह को टाल लिया गया। किशोरी के परिजन को समझाया गया। इसकी कुरीतियां बताई गई। इससे होने वाली समस्या और कानूनी कार्रवाई के सम्बंध में जानकारी दी गयी। तब जाकर किशोरी के परिजन में अपनी गलती स्वीकार की और शादी नहीं करवाने का वचन दिया। दरअसल, मामला अहियापुर इलाके का है।
SDO पूर्वी ज्ञान प्रकाश को सूचना मिली थी कि 28 अप्रैल को 15 वर्षीय किशोरी की शादी उसके परिजन करवा रहे हैं। इसपर SDO ईस्ट, मुशहरी CO सुधांशु शेखर और अहियापुर थानेदार विजय कुमार किशोरी के घर पर बुधवार को पहुंचे। जिला प्रशासन और पुलिस की टीम को देखकर आसपास से काफी लोग जुट गए। किशोरी की शादी के बारे में उसके परिजन से पूछताछ की गई। पहले तो उनलोगों ने इंकार कर दिया। लेकिन, जब अधिकारियों ने उन्हें शांतिपूर्वक समझाया तब शादी करवाने की बात स्वीकार की। परिजन ने बताया कि सबकुछ तय हो चुका है। आगामी 28 अप्रैल को शादी होने वाली है।
इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजन के साथ बैठकर बातचीत की। किशोरी को भी बुलाकर समझाया गया। आसपास के लोगों ने भी स्वीकार किया की ये गलत है। इसके बाद परिजन को समझ मे आ गया। तब उनलोगों ने वचन दिया कि 18 वर्ष पूरा होने के बाद ही बच्ची की शादी करेंगे। समझा-बुझाकर टीम वहां से लौट गई।
बता दें कि इससे पूर्व भी प्रशासन की सतर्कता के कारण हाल में दो बार बाल विवाह टाला गया है। जिसमे एक मामला बन्दरा प्रखंड का था। SDO पूर्वी ने कहा कि यह समाज के लिए एक अभिशाप है। हमें एकजुट होकर हर हाल में इसे समाप्त करना होगा। इसमे स्थानीय लोगों से भागीदारी की अपेक्षा है।