खरीददारी के लिए नेपाली नागरिकों की भीड़ आ रही बिहार, श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट से जूझ रहा नेपाल

श्रीलंका के बाद नेपाल में भी आर्थिक संकट गहराने लगा है। पिछले 20 दिनों से दवा सहित रोजमर्रा के सामान के दाम बढ़ रहे हैं। पेट्रोल 41 रुपए और डीजल 20 रुपए महंगा हो चुका है। यही नहीं सरसों तेल (15 लीटर टीन) के दाम में 350 रुपए तक की बढ़ाेतरी हुई है। पड़ोसी देश में उपजे इस हालात के कारण बिहार पर भी नया संकट आ गया है। क्योंकि, नेपाल से सटे बिहार के जिलों में वहां के नागरिकों की खरीदारी के लिए भीड़ बढ़ने लगी है।

ऐसे ग्राहकों की संख्या में तीन गुना तक की बढ़ोतरी हुई है। इस बीच, नेपाल सरकार ने बुधवार को कुरकुरे, लेज और सभी प्रकार के पैक्ड रेडीमेड फूड आइटम, खिलौने सहित 10 प्रकार सामान के आयात पर अगले दाे महीनाें तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। नेपाल कैबिनेट ने विदेशी मुद्रा की भारी कमी काे देखते हुए यह फैसला लिया है।

दूसरी ओर, भारत के बड़े व्यापारी खाने-पीने के सामान बॉर्डर पार कर नेपाल भेजने की तैयारी में जुट गए हैं। यानी, तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। दैनिक भास्कर ने नेपाल से सटे मधुबनी के जयनगर, सीतामढ़ी के बैरगनिया और पूर्वी चंपारण के रक्सौल बॉर्डर पर पड़ताल की तो हर जगह नेपाली नागरिकों की भारी भीड़ दिखी। नेपाल के हठिऔल के संतोष सिंह, बारा के सुबोध सिंह ने बताया कि लोग वाहन से या पैदल बॉर्डर पार कर भारतीय क्षेत्र में पहुंचकर खरीदारी कर रहे हैं।

नेपाल से सीमावर्ती जिलों के बाजारों में आने वाले ग्राहकों की संख्या 3 गुना बढ़ी

इन 10 सामान के आयात पर नेपाल ने लगाया प्रतिबंध
1. कुरकुरे, कुरमुरे, लेज और इसी प्रकार के अन्य सभी प्रकार के पैक्ड रेडीमेड फूड आइटम
2. सभी प्रकार की विदेशी मदिरा, मदिराजन्य वस्तु
3. विदेशी सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, पान मसाला (कच्चा पदार्थ लाने की छूट दी गई है)
4. हीरा (औद्योगिक कच्चा पदार्थ लाने की छूट दी गई है)
5. 600 डॉलर से अधिक मूल्य के मोबाइल सेट
6. 32 इंच से बड़े सभी प्रकार के टेलीविजन सेट
7. जीप, कार और वैन (एम्बुलेंस और शव वाहन प्रयोजन के लिए छूट)
8. 250 CC से अधिक क्षमता के मोटर साइकिल
9. सभी प्रकार के खिलौनों के आयात पर भी लगाई रोक
10. खेलने वाले ताश का आयात भी नेपाल में फिलहाल नहीं हो पाएगा

प्रतिबंध से उत्तर बिहार की फैक्ट्रियों का करोड़ों का टर्नओवर प्रभावित होगा
आयात पर रोक के फैसले से मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार में संचालित स्नैक्स फैक्ट्रियाें के कराेड़ाें का टर्न ओवर प्रभावित हाेगा। सिर्फ मुजफ्फरपुर के बियाडा क्षेत्र में स्नैक्स की 25 फैक्ट्रियां हैं। यहां के काराेबारी की मानें ताे स्नैक्स झारखंड, बंगाल के साथ-साथ नेपाल भी भेजा जाता है। जयनगर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के महासचिव अनिल बैरोलिया बोले-नेपाल में आर्थिक संकट का सीधा प्रभाव बिहार के बाजार एवं क्षेत्रों में पड़ेगा।

इधर, नेपाल ने हालात से निपटने के लिए कई और कदम उठाए हैं। पहला, केंद्रीय बैंक ने नागरिकों को लोन देना बंद कर दिया। दूसरा, पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर नियंत्रण किया जा रहा है। तीसरा, अवकाश के दिन सरकारी वाहनों के परिचालन पर रोक।

नेपाल में संकट के मुख्य कारण
1. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पेट्रोलियम उत्पाद का आयात बढ़ा कीमत पर होने से दवाइयों से लेकर सभी खाने-पीने की चीजें महंगी हो रही हैं।
2. 8 महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
3. पर्यटन नेपाल की आय का बड़ा स्रोत है, जो कोविड के बाद प्रभावित हुआ है।

100 करोड़ ताश में फूंके
नेपाल ने पिछले पांच साल में करीब 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की ताश विदेशों से आयात किया है। नेपाल में सिर्फ कैसिनो में ही नहीं बल्कि दशहरा, दिवाली जैसे मौके पर घर- घर में ताश खेलने की परम्परा है। सिर्फ दिवाली के मौके पर ही 9 करोड़ रुपए से अधिक का ताश आयात किया था।

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