मुजफ्फरपुर, {अमरेंद्र तिवारी}। वन डिस्टिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत चयनित लीची को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता विभाग आगे आया है। समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत जिले का चयन किया गया है।
इससे आने वाले दिनों में पैक्स व व्यापार मंडल लीची प्रोसेसिंग यूनिट, 500 और एक हजार एमटी क्षमता वाला गोदाम, कंपोजिट यूनिट भी बनाए जाएंगे। इसमें मसाला, गेहूं पिसाई, तेल पेराई व अन्य कृषि उत्पाद को बाजार दिलाने में सहयोग मिलेगा। जिला सहकारिता पदाधिकारी बीरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि प्रोसेसिंग यूनिट से लीची के पल्प, जूस सहित अन्य उत्पादों को बनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इससे लीची किसानों को आर्थिक रूप से भी फायदा पहुंचेगा। जिला सहकारिता कार्यालय से इसका ब्लूप्रिंट तैयार कर विभाग के राज्य अनुश्रवण पदाधिकारी को भेजा गया है। वहां से अनुमित मिलने के बाद योजनाओं का लाभ पैक्स व व्यापार मंडल उठा सकेंगे।
पोखर निर्माण, नाव, जाल, बर्तन व साइकिल की सुविधा
जानकारी के अनुसार परियोजना के तहत मत्स्यजीवी सहयोग समितियों को भी लाभ मिलेगा। समितियों को तालाब व पोखर निर्माण, नाव, जाल, बर्तन, साइकिल की सुविधा उपलब्ध होगी। समिति को अनुदान दिया जाएगा। लाभ के लिए ये गाइडलाइन समितियां डिफाॅल्टर नहीं होनी चाहिए। जमीन की उपलब्धता होनी चाहिए। ऑडिट अपडेट होना चाहिए। वैसी समितियां जहां पर चुनाव संपन्न हो चुका हो और कोई विवाद नहीं होना चाहिए। उनको ही इस परियोजना का लाभ मिलेगा।
खरीफ को लेकर उर्वरक का बढ़ाया गया कोटा
मुजफ्फरपुर। खरीफ को लेकर कृषि विभाग तैयारी में जुट गया है। जिला कृषि पदाधिकारी शिलाजीत ङ्क्षसह ने बताया कि उर्वरक आवंटन को लेकर कृषि निदेशक को रिपोर्ट दी गई है। पहल चल रही है कि इस बार मौसम में कोई संकट नहीं हो। उन्होंने बताया कि पहले से जिले में 36 हजार मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन देने का लक्ष्य था, लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 46 हजार मीट्रिक टन कर दिया गया है। डीएपी का भी 14 हजार मीट्रिक टन का ही लक्ष्य था। इसे भी बढ़ाकर 16,501 मीट्रिक टन कर दिया गया है। बताया कि अभी जिले में 5400 मीट्रिक टन यूरिया व 554 मीट्रिक टन डीएपी का स्टाक है। पिछली बार की तुलना में इस बार अधिक आवंटन मिलने की भी संभावना है।