बिहार में ग्रामीण सड़कों के मरम्मत की निगरानी के लिए मोबाइल एप लांच, जानिए कैसे रखेगा नजर

ग्रामीण सड़कों के मरम्मत की निगरानी अब ऑनलाइन होगी। विभाग ने इसके लिए अनुरक्षण मोबाइल एप लांच किया है। विभागीय नीति के तहत जिन सड़कों की मरम्मत हो रही है, उसकी ऑनलाइन निगरानी अब इसी अनुरक्षण एप के तहत  होगी। ठेकेदारों को भुगतान भी इसी एप पर अपलोड किए गए तस्वीरों के आधार पर किया जाएगा।




इंजीनियर नही कर सकेंगे मिलीभगत
अब तक की व्यवस्था में सड़क मरम्मत की रिपोर्ट कागजी प्रक्रिया में होती थी। संवेदक की ओर से सड़क मरम्मत के बाद कनीय अभियंता उसकी रिपोर्ट सहायक अभियंता को दिया करते थे। इसके बाद सहायक व कार्यपालक अभियंता की मंजूरी मिलने पर एजेंसियों को पैसे का भुगतान किया जाता था। लेकिन यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी। अक्सर यह शिकायत मिल रही थी कि इंजीनियरों की मिलीभगत से एजेंसी बिना उपयुक्त मरम्मत किए ही राशि का भुगतान करा लेते थे। लोगों की शिकायत के बाद हुई विभागीय जांच में कई स्थानों पर यह मामला सही पाया गया। इसे देखते हुए ही विभाग ने अनुरक्षण एप लांच किया है।


अपनी मर्जी से सड़क की तस्वीर अपलोड नहीं कर सकते
इस एप पर मरम्मत होने वाली सड़कों की तस्वीर अपलोड करनी होगी। सड़क के शुरुआती छोर के बाद एप ही बताएगा कि अगली तस्वीर कितनी दूरी पर अपलोड करनी है। इंजीनियर अपनी मर्जी से सड़क की तस्वीर अपलोड नहीं कर सकते। ऐसे में अगर तय दूरी पर सड़क की मरम्मत सही तरीके से नहीं की गई तो संवेदकों के अंक काट लिए जाएंगे। सभी मानकों के आधार पर अगर एजेंसी को 80 से कम अंक मिले तो उनकी राशि काट ली जाएगी। अनुरक्षण एप पर तस्वीर अपलोड करने की जिम्मेवारी कनीय अभियंता की है। इसकी मंजूरी सहायक व कार्यपालक अभियंता देंगे। इसके बाद एजेंसियों को राशि भुगतान कर दी जाएगी।


पीएमजीएसवाई में है प्रावधान
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में पहले से यही प्रावधान है। ई-ग्राम एप के माध्यम से ही पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली या मरम्मत होने वाली सड़कों की पूरी विवरणी इसी एप पर डाउनलोड की जाती है। संवेदकों को भुगतान भी इसी एप के आधार पर तय मानकों से होता है। बिहार सरकार ने भी इसी एप की तर्ज पर अनुरक्षण एप लांच किया है।

INPUT: Hindustan

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