नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा से उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में गुरुवार को भी वृद्धि जारी रही। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों में दहशत है।
मुजफ्फरपुर जिले में बागमती के जलस्तर में वृद्धि होने से कटरा प्रखंड के बकुची घाट और गंगेया नदी पर बना पीपा पुल ध्वस्त हो गया। एप्रोच पथ पर पानी भर गया है। प्रखंड मुख्यालय से 16 पंचायतों का संपर्क भंग हो गया है। 40 गांवों की डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित है। सब्जी फसल को भारी नुकसान हुआ है। शाम में कटरा में पीपा पुल को चचरी से जोड़ दिया गया है। उस पर पैदल आवागमन होने लगा है। जलस्तर में भी आंशिक कमी आई है। औराई में बागमती नदी की दक्षिणी उपधारा पर मधुबन प्रताप घाट पर बना चचरी पुल देर रात ध्वस्त हो गया। नाव का ही सहारा है।
मधुबनी जिले के बाबूबरही में कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। मैनाडीह गांव में बने चचरी पुल पर खतरा मंडराने लगा है। बेनीपट्टी में धौंस नदी का जलस्तर बढऩे से करहारा घाट पर बना चचरी पुल पानी में डूब गया। समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र में बागमती नदी के जलस्तर में डेढ़ मीटर की वृद्धि हो गई है। कटाव भी शुरू हो गया है। हथौड़ी में करेह नदी का जलस्तर भीबढऩे लगा है। शिवहर में बागमती लाल निशान से 1.25 मीटर नीचे है। पिपराही प्रखंड के बेलवा घाट में शिवहर-चंपारण स्टेट हाईवे से बाढ़ का पानी उतर गया है। हालांकि, वाहनों का परिचालन बाधित है। पिपराही और पुरनहिया प्रखंड क्षेत्र के सरेह में बागमती का पानी फैल गया है।