मुजफ्फरपुर: देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर शहर के कंपनीबाग रोड का नाम बदलने की तैयारी है। ब्रिटिश काल में ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम पर जूरन छपरा से सरैयागंज टावर तक की सड़क का नाम कंपनीबाग पड़ा था।
अब प्रमंडलीय आयुक्त ने इसे बदलकर शहीद खुदीराम बोस मार्ग रखने की अनुशंसा की है। इसके अलावा जूरनछपरा से भगवानपुर चौक तक की सड़क का नाम अमर शहीद प्रफुल्ल चाकी के नाम से करने की भी अनुशंसा की है। इन दोनों सड़क का नाम बदलने के लिए नगर निगम को बोर्ड की सहमति लेनी पड़ेगी।
इसके बाद इन दोनों सड़कों के नाम बदल जाएंगे। प्रमंडलीय आयुक्त मिहिर कुमार सिंह ने कहा है कि कंपनीबाग नाम ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से रखा गया था, लेकिन वह स्थल हमारे लिए ऐतिहासिक व गर्व का अहसास कराने वाला है। स्वतंत्रता आंदोलन में इस स्थल ने मुजफ्फरपुर को पहचान दिलाई है। तब यूरोपियन क्लब जो अब मुजफ्फरपुर क्लब के नाम से जाना जाता है, इसका केंद्र रहा है। मुजफ्फरपुर शहर खुदीराम बोस व प्रफुल्ल चाकी की कर्मभूमि रहा है, लेकिन उनके नाम से मात्र एक सेंट्रल जेल ही है।
यहां पर शहीद खुदीराम बोस ने बम ब्लास्ट किया था, जो पूरे देश में चर्चित हुआ और स्वतंत्रता आंदोलन को और भड़का दिया था। उन्होंने कहा कि जूरन छपरा से सरैयागंज टावर तक की सड़क का नाम शहीद खुदीराम बोस मार्ग और जूरन छपरा से भगवानपुर तक की सड़क का नाम प्रफुल्ल चाकी मार्ग होने से स्वतंत्रता सेनानियों व वरिष्ठ नागरिकों के मन में अपार हर्ष होगा। नई पीढ़ी को देशभक्ति की प्रेरणा मिलेगी।
1934 में सड़क का नाम पड़ा था कंपनीबाग
इतिहास के जानकार व प्रमंडलीय कार्यालय से बतौर सहायक रिटायर अधिकारी सच्चिदानंद चौधरी बताते हैं कि वर्तमान सड़क का नाम कंपनीबाग 1934 में पड़ा था। उस वक्त कलेक्ट्रेट महिला शिल्पकला भवन में चल रहा था। 1934 के भूकंप में महिला शिल्पकला भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गया। तब कलक्ट्रेट को वर्तमान स्थल पर स्थापित किया गया। उस समय तक महिला शिल्प कला भवन से कलेक्ट्रेट तक खाली जमीन थी, जहां मरे हुए मवेशियों को फेंका जाता था। यहां सड़क किनारे उनकी खाल उतारी जाती थी। कलेक्ट्रेट की स्थापना के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने चहारदीवारी का निर्माण कराया व बाग लगाए। जंगलों को साफ कर फूलों के साथ सजावटी पौधे भी लगाए। धीरे-धीरे कई निर्माण शुरू हुए तो सड़क का नाम कंपनीबाग रोड रखा गया।
शहीद खुदीराम बोस व प्रफुल्ल चाकी के नाम पर दो सड़कों के नामाकरण की तैयारी है। इसे निगम बोर्ड की अगली बैठक में शामिल कराकर पास कराया जाएगा। इस कार्य में सभी पार्षद व आम नागरिक को खुशी होगी। कंपनी बहादुर की पहचान ढोने को शहर अभिशप्त नहीं रहेगा।
-विवेक रंजन मैत्रेय, नगर आयुक्त
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