Muzaffarpur Smart City के 20 प्रमुख कॉमर्शियल इलाकों से रात में भी उठाया जाएगा कचरा, 20 ऑटो टिपर लगाए जाएंगे

शहर में अगले चंद दिनों में रात में सफाई की व्यवस्था बदलने जा रही है। निगम के तमाम संसाधन के इस्तेमाल के बावजूद शाम के बाद शहर के प्रमुख मार्केट में कचरा दिखता है। इस समस्या के समाधान के लिए निगम प्रशासन ने रात में 20 ऑटो टिपर शहर के 20 प्रमुख मार्केट में उतारने का फैसला लिया है। ऑटो टिपर की जवाबदेही होगी कि रात में दुकान बंद करते समय जो कचरा फेंका जा रहा है, उसको कलेक्ट कर डंपिंग स्थल तक पहुंचाए। अब भी रात में कूड़ा उठाने की व्यवस्था है।

लेकिन, यह किसी दुकान के सामने से नहीं उठता। शहर में जहां भी कूड़ा डंपिंग स्थल है, वहीं से निगम का हाईवा कूड़ा उठाकर रौतनिया डंपिंग स्थल तक पहुंचाता है। जबकि, दुकान बंद करते समय ज्यादातर दुकानदार दुकान का कचरा रोड पर डालते हैं। फुटपाथ पर समोसा, चाट व गुपचुप की जो भी दुकानें लगती हैं, उससे रात में शहर गंदा हो रहा है। मोतीझील फ्लाईओवर, सरैयागंज टावर, कल्याणी, कंपनी बाग रोड, अघोरिया बाजार समेत शहर के प्रमुख मार्केट में रात में फुटपाथ दुकानदारों व वहां के स्थायी दुकानदारों द्वारा कचरा फेंकने से शहर गंदा हो रहा है। इससे निपटने के लिए निगम प्रशासन ने नई व्यवस्था लागू की है। नई व्यवस्था लागू करने के लिए 20 अतिरिक्त ड्राइवर निगम को रखना होगा।

  • स्वच्छता के लिए पहल- अब भी रात में कूड़ा उठाने की व्यवस्था है, पर किसी दुकान के सामने से नहीं उठता
  • समस्या का समाधान- नगर निगम प्रशासन को 20 ऑटो टिपर के लिए अब नए सिरे से ड्राइवरों की करनी होगी तैनाती

अच्छी शुरुआत- संडे व छुट्टी के दिन भी सफाई करने का लिया गया था फैसला

इसी साल गणतंत्र दिवस के मौके पर शहर में रविवार व अवकाश के दिन भी सफाई करने का फैसला लिया गया था। फरवरी से व्यवस्था लागू हो गई। पूरे शहर में संडे को भी कचरा उठाव हो रहा है। नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय का कहना है कि संडे व छुट्टी के दिन सफाई की व्यवस्था जो लागू की गई, यह प्रयोग सफल रहा है। अब रात्रि में भी शहर के 20 कॉमर्शियल स्थानों से कचरा उठाने की व्यवस्था लागू की जा रही है।

कचरा उठाव के लिए नगर आयुक्त ने मांगा सहयोग, वार्ड पार्षदों ने किया समर्थन

रात में शहर के प्रमुख कॉमर्शियल इलाकों में टिपर से कचरा उठाने की व्यवस्था के लिए नगर आयुक्त ने सहयोग मांगा है, जिसका कई वार्ड पार्षदों ने समर्थन किया है। वार्ड-34 की पार्षद शबाना परवीन व स्टैंडिंग मेंबर अर्चना पंडित ने इसका समर्थन किया है। वार्ड पार्षद केपी पप्पू, स्टैंडिंग मेंबर शोभा देवी, वार्ड पार्षद अजय ओझा समेत कई अन्य पार्षदों ने नई व्यवस्था का समर्थन किया है।

निगम के पास मौजूद सफाई संसाधन

  • 70 ऑटो टिपर
  • 42 ट्रैक्टर (जिसमें चार खराब)
  • 2 हाईवा
  • 13 बबकट
  • 10 जेसीबी
  • 151 ड्राइवर (एनजीओ द्वारा)
  • 300 सफाई कर्मी (एनजीओ द्वारा)
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