शहीद खुदीराम बोस को गांव की मिट्टी चढ़ाकर दी श्रद्धांजलि, सजाया गया केंद्रीय जेल, कार्यक्रम में गांव से आए परिजन भी हुए शामिल
एक बार विदाई दी मां…घुरे आसी, हांसी हांसी परिवो फांसी देखवे जोगोत वासी..। शहीद खुदीराम बोस द्वारा अंतिम समय मे जेल की दीवार पर लिखी गयी इस कविता से आज …